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महाप्रलय की भविष्यवाणी: क्या सच में आने वाला है जलप्रलय? ‘डूम्सडे फिश’ का दिखना और पौराणिक कथाओं के गहरे रहस्य

हाल के दिनों में तमिलनाडु सहित दुनिया के कई समुद्री तटों पर ‘डूम्सडे फिश’ के नाम से जानी जाने वाली रहस्यमयी ओरफिश (Oarfish) के दिखने की घटनाओं ने एक नई बहस छेड़ दी है। क्या यह किसी बड़ी प्राकृतिक आपदा या महाप्रलय का संकेत है? इस मछली को लेकर सदियों से कई मान्यताएं प्रचलित हैं, खासकर जापान में। वहीं, हिंदू धर्मग्रंथों में भी प्रलय और मछली के बीच एक गहरा संबंध बताया गया है। आइए, इन सभी पहलुओं को विस्तार से जानते हैं।

समुद्र में मछुआरों को मिली मनहूस मछली

Dehradun: हाल ही में तमिलनाडु के तट पर और विश्व के अन्य हिस्सों में रहस्यमयी ओरफिश (Oarfish) के दिखने की घटनाओं ने चिंता और उत्सुकता बढ़ा दी है। इस मछली को “डूम्सडे फिश” या “प्रलय की मछली” के नाम से भी जाना जाता है, और इसका सतह पर आना कई लोगों द्वारा अपशकुन माना जा रहा है। आइए जानते हैं कि इस मछली को लेकर क्या मान्यताएं हैं, विज्ञान क्या कहता है और हिंदू धर्म में प्रलय और मछली का क्या संबंध है।

हालिया घटनाक्रम: तमिलनाडु से लेकर न्यूजीलैंड तक दिखी ओरफिश

मई 2025 में, तमिलनाडु के तट पर मछुआरों ने एक विशाल ओरफिश पकड़ी।इसके बाद, जून 2025 में ऑस्ट्रेलिया के तस्मानिया और न्यूजीलैंड के तटों पर भी यह दुर्लभ मछली बहकर आ गई।इन घटनाओं ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी है और इस मछली से जुड़ी भविष्यवाणियों को फिर से हवा दे दी है।

ओरफिश को ‘डूम्सडे फिश’ क्यों कहते हैं?

ओरफिश एक गहरे समुद्र में रहने वाली मछली है जो 200 से 1000 मीटर की गहराई में निवास करती है।यह दुनिया की सबसे लंबी हड्डी वाली मछली है, जिसकी लंबाई 30 फीट तक हो सकती है।इसका सतह पर आना एक बहुत ही दुर्लभ घटना है।

जापानी मान्यता: जापान में ओरफिश को ‘रयुगु नो त्सुकाई’ यानी ‘समुद्र देवता के महल का दूत’ कहा जाता है। सदियों से यह मान्यता है कि यह मछली भूकंप और सुनामी जैसी प्राकृतिक आपदाओं की चेतावनी देने के लिए सतह पर आती है।[इस मान्यता को 2011 में बल मिला जब जापान में विनाशकारी भूकंप और सुनामी आने से कुछ महीने पहले लगभग 20 ओरफिश तटों पर पाई गई थीं।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण क्या है?

वैज्ञानिक इन मान्यताओं का समर्थन नहीं करते हैं। उनका मानना है कि ओरफिश के सतह पर आने के कई कारण हो सकते हैं:

  • बीमारी या चोट: बीमार, घायल या मर रही ओरफिश अपना संतुलन खोकर सतह पर आ सकती है।
  • समुद्री धाराओं में बदलाव: मजबूत समुद्री धाराएं या तूफान इन मछलियों को गहरे पानी से सतह की ओर धकेल सकते हैं।
  • पानी के तापमान में परिवर्तन: जलवायु परिवर्तन या अन्य कारणों से समुद्र के तापमान में होने वाले बदलाव भी इन मछलियों को उनके प्राकृतिक आवास से बाहर आने पर मजबूर कर सकते हैं।

2019 में “बुलेटिन ऑफ द सिस्मोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ अमेरिका” में प्रकाशित एक अध्ययन में जापान में ओरफिश के दिखने और बड़े भूकंपों के बीच कोई संबंध नहीं पाया गया।

हिंदू धर्म में प्रलय और मछली की कथा

हिंदू पुराणों में भी एक बड़ी बाढ़ (महाप्रलय) और एक मछली का महत्वपूर्ण वर्णन मिलता है। यह कथा भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार से जुड़ी है।

मनुस्मृति और अन्य पुराणों के अनुसार, वैवस्वत मनु, जिन्हें मानव जाति का पूर्वज माना जाता है, एक दिन नदी में तर्पण कर रहे थे। तभी उनके हाथ में एक छोटी सी मछली आ गई। मछली ने मनु से उसे बड़ी मछलियों से बचाने की प्रार्थना की। मनु ने दया करके उसे एक कमंडल में रख लिया।

लेकिन मछली का आकार तेजी से बढ़ने लगा।उसे कमंडल से निकालकर एक तालाब, फिर नदी और अंत में समुद्र में छोड़ना पड़ा। तब मछली ने अपना असली दिव्य रूप प्रकट किया और मनु को बताया कि वह भगवान विष्णु का मत्स्य अवतार है।

मत्स्य भगवान ने मनु को चेतावनी दी कि सात दिनों के भीतर एक भयंकर प्रलय आने वाली है जो पूरी पृथ्वी को जलमग्न कर देगी।उन्होंने मनु को एक विशाल नाव बनाने, सभी प्रकार के बीजों, सप्तर्षियों (सात महान ऋषियों) और सभी जीवों के जोड़ों को उस पर इकट्ठा करने का निर्देश दिया।जब प्रलय आई, तो भगवान विष्णु ने मत्स्य रूप में उस नाव को अपने सींग से बांधकर हिमालय की सबसे ऊंची चोटी तक सुरक्षित पहुंचाया, जिससे पृथ्वी पर जीवन की पुनः शुरुआत हो सकी।

हाल की घटनाएँ: जब-जब सतह पर आई ओरफिश

  • वियतनाम (अप्रैल 2024): वियतनाम के एक समुद्र तट पर तीन मीटर लंबी ओरफिश मिलने से स्थानीय लोगों में खलबली मच गई थी।
  • फिलीपींस (अप्रैल 2024): फिलीपींस में भी एक मछुआरे ने 5 फीट लंबी ओरफिश पकड़ी थी, जिसके बाद भूकंप की अफवाहें फैलने लगी थीं।
  • ताइवान: ताइवान में गोताखोरों ने एक विशाल ओरफिश को तैरते हुए देखा था, जिसके शरीर पर रहस्यमयी छेद थे।
  • तमिलनाडु, भारत: हाल ही में, भारत में तमिलनाडु के तट पर भी इस मछली के दिखने की खबरें सामने आई हैं, जिसने स्थानीय मान्यताओं और चिंताओं को हवा दी है।

क्या सच में महाप्रलय आने वाली है?

हालांकि ओरफिश का दिखना और पौराणिक कथाएं भविष्य को लेकर चिंताएं पैदा करती हैं, लेकिन इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि ये मछलियां आने वाली आपदाओं का संकेत देती हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह एक दुर्लभ समुद्री घटना है, जिसे अंधविश्वास से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। हिंदू धर्म में मत्स्य अवतार की कथा एक प्रतीकात्मक कहानी है जो धर्म की रक्षा और सृष्टि के संरक्षण का संदेश देती है।

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