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Uttarakhand News: उत्तराखंड में डेयरी संचालन के लिए नए सख्त नियम,पंजीकरण हुआ अनिवार्य

देहरादून: उत्तराखंड के नगर निगम क्षेत्रों में डेयरी चलाने वालों के लिए शहरी विकास विभाग ने नए सख्त नियम लागू करने का निर्णय लिया है। अब डेयरी संचालकों को अपने संचालन के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से सहमति प्राप्त करने के साथ ही नगर निगम में पंजीकरण कराना होगा।

इसके तहत उत्तराखंड व्यावसायिक डेयरी परिसर अनुज्ञाकरण नियमावली 2024 भी जल्द ही लागू होने जा रही है। इस नियमावली पर सुझाव मांगे गए थे, और इसे जल्द ही लागू किया जाएगा।

डेयरी संचालकों को इन नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा, जिससे दूध और अन्य डेयरी उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार होगा और प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सकेगा।

जानिये इस नियमावली की खास बातें

-यह नियमावली केवल नगर निगम क्षेत्रों में ही लागू होगी।

-नगर निगम में डेयरी पंजीकरण के आवेदन के बाद नगर निगम पशु चिकित्सक के नेतृत्व में निरीक्षण दल जांच करेगा। स्थलीय रिपोर्ट के आधार पर ही पंजीकरण हो सकेगा।

-डेयरी परिसर के भीतर एक दीवार पर नगर निगम लाइसेंस की फोटो लगानी होगी। पंजीकरण पांच साल के लिए होगा, जिसकी अवधि दोबारा पांच साल बढ़ सकेगी।

-किसी सूरत गोबर नालियों, नदियों, नहरों, ताबालों, झीलों, झरनों या अन्य प्राकृतिक जल स्त्रोतों में बहाना प्रतिबंधित होगा। ऐसा करने वालों पर जुर्माना लगेगा।

-डेयरी संचालकों को प्रति पशु अधिकतम 150 लीटर पानी ही मिल सकेगा। डेयरी परिसर में पाैधरोपण भी करना होगा।

-व्यस्क पशु के लिए 40 वर्ग फुट और शिशु पशुओं के लिए 10 वर्ग फुट जगह होनी जरूरी है। किसी भी पशु को जान से मारना, शिशु पशुओं को भूखा रखकर मारना या त्यागना प्रतिबंधित व दंडनीय अपराध होगा। नगर निगम चाहेगा तो डेयरी मालिक को शहरी क्षेत्र से बाहर विस्थापित होने में सहयोग करना होगा

डेयरी संचालकों के लिए शुल्क और जुर्माना

पांच साल के लिए पंजीकरण शुल्क: 1000 रुपये प्रति पशु

पंजीकरण का नवीनीकरण, पांच साल के लिए: 1000 रुपये प्रति पशु

10 पशुओं का अपशिष्ट निस्तारण शुल्क: 4000 रुपये प्रतिमाह

शव निस्तारण शुल्क: 1000 रुपये प्रति पशु

पंजीकरण न कराने पर पहला जुर्माना: 200 रुपये प्रति पशु

नोटिस के बाद भी पंजीकरण न कराने पर जुर्माना: 200 रुपये प्रति पशु प्रति माह

नियमावली के उल्लंघन पर जुर्माना: 2000 रुपये प्रति पशु

गोबर नालियों में बहाने पर जुर्माना: 500 रुपये प्रति पशु

डेयरी पशु को आवारा छोड़ने पर: 2000 रुपये प्रति पशु

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