देहरादून: उत्तराखंड में मानसून की बारिश एक बार फिर कहर बनकर टूटी है। राज्य के रुद्रप्रयाग, चमोली और टिहरी जिलों में बादल फटने और भारी बारिश के कारण मची तबाही में अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई अन्य लापता बताए जा रहे हैं। भूस्खलन के कारण कई घर मलबे में दब गए और नदियां उफान पर हैं, जिससे निचले इलाकों में खतरा बढ़ गया है।
शुक्रवार तड़के हुई इन घटनाओं ने राज्य में एक बार फिर 2013 की केदारनाथ आपदा की दर्दनाक यादें ताजा कर दी हैं।सबसे ज्यादा तबाही रुद्रप्रयाग, चमोली, टिहरी और बागेश्वर जिलों में हुई है।
रुद्रप्रयाग में सबसे ज्यादा नुकसान, महिला की मौत, कई लापता
रुद्रप्रयाग जिले में बादल फटने से भारी तबाही हुई है। जिले के जखोली में एक मकान ढहने से एक महिला की मौत हो गई।बसुकेदार तहसील के बड़ेथ डुंगर तोक क्षेत्र में भूस्खलन के बाद आठ लोग लापता हैं, जिनमें चार स्थानीय और चार नेपाली श्रमिक शामिल हैं। रुद्रप्रयाग के छेनागाड़ गांव में तो मंजर इतना भयावह था कि पूरा का पूरा बाजार ही मलबे में दब गया, जिसमें कई वाहन भी बह गए। तलजामन गांव में करीब 30-40 परिवारों के मलबे और बाढ़ के पानी में फंसने की खबर है। बचाव दलों को मौके पर पहुंचने में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि कई जगहों पर सड़कें टूट गई हैं।
चमोली और टिहरी में भी हाहाकार
चमोली जिले के देवाल ब्लॉक के मोपाटा गांव में बादल फटने के बाद हुए भूस्खलन में एक आवासीय भवन और गौशाला दब गई। इस हादसे में एक दंपति की मौत हो गई, जबकि एक अन्य दंपति घायल हो गया। मलबे में 15-20 मवेशियों के भी दबे होने की आशंका है।
उधर, टिहरी जिले के भिलंगना ब्लॉक के गेंवाली गांव में भी बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है। यहां कृषि भूमि, पेयजल लाइनें और बिजली की लाइनों को क्षति पहुंची है। बूढ़ा केदार क्षेत्र में भी भारी तबाही हुई है, जहां कई मंदिर और पशुओं के बाड़े मलबे में दब गए।
प्रशासन की प्रतिक्रिया और बचाव कार्य
आपदा की खबर मिलते ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जिलाधिकारियों से बात कर राहत और बचाव कार्यों को युद्धस्तर पर चलाने के निर्देश दिए हैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीमें प्रभावित इलाकों के लिए रवाना हो गई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि वह लगातार अधिकारियों के संपर्क में हैं और स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।
नदियां उफान पर, कई रास्ते बंद
लगातार हो रही बारिश से अलकनंदा, पिंडर और मंदाकिनी जैसी प्रमुख नदियां उफान पर हैं। पौड़ी के श्रीनगर में अलकनंदा का पानी बदरीनाथ हाईवे तक पहुंच गया है।भूस्खलन के कारण बदरीनाथ और केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग कई जगहों पर बंद हो गए हैं, जिससे यातायात बाधित हो गया है।
मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक राज्य के कई जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और नदी-नालों के पास न जाने की अपील की है। प्रतिकूल मौसम को देखते हुए कई जिलों में स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया गया है।
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