मसूरी: पहाड़ों की रानी मसूरी में गुरुवार को हुई भारी बारिश के कारण भूस्खलन की घटना सामने आई है. मसूरी-धनौल्टी मार्ग पर वुडस्टॉक स्कूल के पास पहाड़ी का एक बड़ा हिस्सा टूटकर सड़क पर आ गया, जिससे मार्ग करीब एक घंटे तक अवरुद्ध रहा.इस दौरान सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं, जिससे स्थानीय लोगों और पर्यटकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा.
स्थानीय लोगों के अनुसार, रात भर हुई मूसलाधार बारिश के कारण पहाड़ी से भारी मात्रा में मलबा और पत्थर सड़क पर आ गिरे, जिससे रास्ता पूरी तरह से बंद हो गया.मुख्य मार्ग बंद होने के कारण वैकल्पिक मार्गों पर भी कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया, जिससे लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.
भूस्खलन की सूचना मिलते ही लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की टीम तत्काल मौके पर पहुंची. अधिशासी अभियंता जितेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि सूचना मिलते ही जेसीबी मशीन को मौके पर भेजकर करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद मलबे को हटाकर यातायात बहाल कर दिया गया.
गौरतलब है कि वुडस्टॉक स्कूल के पास यह पहाड़ी भूस्खलन के लिहाज से काफी संवेदनशील बनती जा रही है. कुछ दिन पूर्व भी इसी स्थान पर एक बड़ा भूस्खलन हुआ था, जिसमें भारी मात्रा में मलबा और पेड़ सड़क पर आ गए थे.लगातार हो रही बारिश और कमजोर पड़ चुकी पहाड़ियों के कारण यह क्षेत्र भूस्खलन संभावित बन गया है.अधिकारियों ने बताया कि यह मलबा एक निजी संपत्ति से आ रहा है, जिसके मालिक को नोटिस भेजकर सुरक्षा के इंतजाम करने के निर्देश दिए जाएंगे.
वहीं, एक अन्य घटना में मसूरी नेशनल हाईवे 707ए पर मसूरी बेंड के पास भी भारी मात्रा में मलबा गिरने से हाईवे पूरी तरह से बंद हो गया. इसके चलते पंचायत चुनाव में मतदान के लिए जा रहे कई ग्रामीण भी समय पर नहीं पहुंच पाए, जिससे उनमें नाराजगी देखने को मिली.
स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन से मांग की है कि इस क्षेत्र में भूस्खलन की समस्या का स्थायी समाधान निकाला जाए. उन्होंने संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा दीवारें, रिटेनिंग वॉल और ड्रेनेज सिस्टम बनाने की मांग की है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके.प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे मौसम की चेतावनियों का पालन करें और बहुत जरूरी होने पर ही यात्रा करें.
मसूरी-धनौल्टी मार्ग पर वुडस्टॉक स्कूल के निकट की पहाड़ी एक बार फिर नासूर साबित हुई. गुरुवार को भारी वर्षा के कारण पहाड़ी से भारी मात्रा में मलबा सड़क पर आ गया, जिससे यह मार्ग करीब एक घंटे तक पूरी तरह से बंद रहा. रात भर हुई मूसलाधार बारिश के कारण हुए इस भूस्खलन से मुख्य मार्ग के बंद होने पर वैकल्पिक मार्गों पर भी कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया. सूचना मिलते ही लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की टीम जेसीबी मशीन के साथ मौके पर पहुंची और लगभग एक घंटे की मशक्कत के बाद मलबे को हटाकर यातायात बहाल किया.
पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता जितेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि यह मलबा एक निजी संपत्ति से आ रहा है, जिसकी पहचान कर ली गई है. संपत्ति के मालिक को जल्द ही नोटिस जारी किया जाएगा ताकि वे भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए आवश्यक सुरक्षा उपाय कर सकें. उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले भी इसी स्थान पर एक बड़ा भूस्खलन हुआ था, जिसमें पहाड़ का एक बड़ा हिस्सा टूटकर नीचे गिर गया था.
इन लगातार हो रही भूस्खलन की घटनाओं से परेशान स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन से इस समस्या का स्थायी समाधान खोजने की मांग की है. उन्होंने संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा दीवारें, रिटेनिंग वॉल और उचित जल निकासी प्रणाली बनाने का आग्रह किया है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके.पर्यटकों ने भी पहाड़ों में बारिश के दौरान इस तरह फंसने के अपने पहले अनुभव को साझा करते हुए, बरसात के मौसम में भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में पहले से ही चौकसी बढ़ाने और चेतावनी बोर्ड लगाने का सुझाव दिया.
उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के पहले चरण का मतदान 24 जुलाई को होना है, और इन भूस्खलनों ने मतदान प्रक्रिया में भी बाधा डाली है.
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