नई दिल्ली — ईसाई धर्म के सर्वोच्च धर्मगुरु पोप फ्रांसिस का सोमवार को 88 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उनके निधन से पूरी दुनिया में शोक की लहर फैल गई है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा दुख जताते हुए एक भावुक ट्वीट किया और उन्हें करुणा, विनम्रता व आध्यात्मिक साहस का प्रतीक बताया।
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर लिखा:
“पोप फ्रांसिस के निधन से बहुत दुख हुआ। दुख और स्मरण की इस घड़ी में, वैश्विक कैथोलिक समुदाय के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना। पोप फ्रांसिस को हमेशा दुनिया भर के लाखों लोगों द्वारा करुणा, विनम्रता और आध्यात्मिक साहस के प्रतीक के रूप में याद किया जाएगा। उन्होंने गरीबों और वंचितों की सेवा की और पीड़ितों में आशा की भावना जगाई। भारत के लोगों के प्रति उनका स्नेह हमेशा संजोया जाएगा। उनकी आत्मा को ईश्वर की गोद में शांति मिले।”
वेटिकन सिटी से जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, पोप फ्रांसिस का निधन उनके आवास कासा सेंटा मार्टा में हुआ। उन्हें हाल ही में न्यूमोनिया की वजह से अस्पताल में भर्ती कराया गया था और 38 दिनों के इलाज के बाद डिस्चार्ज किया गया था। स्वास्थ्य में सुधार न होने के कारण उनकी हालत गंभीर बनी रही।
पोप फ्रांसिस इतिहास के पहले लैटिन अमेरिकी पोप थे और दुनियाभर में अपने सहिष्णु, दयालु और सुधारवादी विचारों के लिए जाने जाते थे। उन्होंने पूरी ज़िंदगी मानवता की सेवा में समर्पित की, विशेष रूप से गरीब और वंचित वर्गों के उत्थान के लिए वे हमेशा सक्रिय रहे।
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