Pitru Paksha Born: शास्त्रों में पितृ पक्ष के दौरान पैदा होने वाले बच्चों को लेकर कुछ खास बातें बताई गई हैं. आइए जानते हैं कि पितृ पक्ष में जन्मे बच्चे अपने भाग्य में क्या-क्या लेकर आते हैं.
हरिद्वार: हिन्दू परंपरा में पितृपक्ष का विशेष महत्व है, जिसमें पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्धकर्म और तर्पण किया जाता है। गरुड़ पुराण के अनुसार, पितृपक्ष के दौरान किए गए अनुष्ठान से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और घर-परिवार में सुख-शांति का वास होता है। हालांकि इस अवधि में कोई शुभ कार्य नहीं किया जाता, लेकिन धर्मग्रंथों में पितृपक्ष के दौरान जन्म लेने वाले बच्चों के स्वभाव और भाग्य को लेकर खास बातें कही गई हैं। आइए जानते हैं, पितृपक्ष में जन्म लेने वाले बच्चों का भाग्य और स्वभाव कैसा होता है।
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक पितृ पक्ष में बच्चे का जन्म होना बहुत शुभ होता है. यह बच्चे बेहद रचनात्मक होते हैं और अपनी कला के जरिए खूब मान-सम्मान कमाते हैं. श्राद्ध पक्ष में जन्मे बच्चों पर पितरों का विशेष आशीर्वाद रहता है और वो अपने जीवन में खूब तरक्की करते हैं. ये बच्चे अपने परिवार में खूब सारी खुशियां और समृद्धि लेकर आते हैं. माना जाता है कि इन बच्चों के भाग्य से परिवार के अच्छे दिन आते हैं. इन बच्चों में बहुत कम उम्र में ही जिम्मेदारी का बोध हो जाता है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पितृपक्ष के दौरान जन्म लेने वाले बच्चे कुल के पूर्वजों का पुनर्जन्म माने जाते हैं। ऐसे बच्चों का भाग्य उनके पितरों के आशीर्वाद से समृद्ध होता है। पितृपक्ष में जन्मे बच्चे आमतौर पर कलात्मक प्रतिभा से संपन्न होते हैं और भविष्य में अपनी कला या रचनात्मकता से प्रसिद्धि प्राप्त करते हैं। शास्त्रों के अनुसार, इन बच्चों पर हमेशा उनके पूर्वजों का आशीर्वाद बना रहता है, जिससे यह परिवार के लिए बेहद भाग्यशाली होते हैं। इन बच्चों के जन्म से परिवार की समृद्धि और खुशहाली में वृद्धि होती है। हालांकि, इनकी कुंडली में चंद्रमा की स्थिति कमजोर हो सकती है, जिसे ज्योतिषीय उपायों से ठीक किया जा सकता है।
पितृपक्ष में जन्मे बच्चे बेहद समझदार और ज्ञानवान होते हैं। ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि ये बच्चे अपनी उम्र से अधिक परिपक्व और जानकार होते हैं। परिवार के प्रति इनका प्रेम और स्नेह गहरा होता है, और ये अपने परिवार के लोगों की खूब देखभाल करते हैं। इनका यश और सम्मान सदियों तक बना रहता है, जिससे उनका नाम हमेशा आदर के साथ लिया जाता है।
पितृपक्ष में जन्म लेने वाले बच्चों का जीवन पूर्वजों की कृपा और आशीर्वाद से समृद्ध और शांतिमय रहता है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। tv10 INDIA इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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